नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का एलान कर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल के इस ऑइकॉन और बंगाली अस्मिता के प्रतीक को हथियाने की एक और कोशिश की है। नेताजी की 125वीं जंयती पर साल भर चलने वाले विशेष कार्यक्रम का एलान भी इसी मुहिम का एक हिस्सा है। राज्य विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले बंगाल के गौरव पर कब्जा करने की बीजेपी की इस कोशिश से कई सवाल खड़े होते हैं।