पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुसलिम वोटों को लेकर मारामारी शुरू हो ग़यी है। पहले असदउद्दीन ओवैसी और अब राज्य के फुरफुरा शरीफ़ दरगाह के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीक़ी ने ऐलान किया है कि वे अपनी पार्टी बना चुनाव लड़ेंगे। ये वही पीरजादा सिद्दीक़ी हैं, जो भारतीय जनता पार्टी को 'देश का दुश्मन' क़रार देते आये हैं।
बंगाल : मुसलिम वोटों की मारामारी, पार्टी की तैयारी में फुरफुरा शरीफ़ के पीरज़ादा
- पश्चिम बंगाल
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- 21 Jan, 2021

पश्चिम बंगाल की राजनीति कुछ साल पहले तक धर्मगुरुओं से संचालित नहीं होती थी। यहां के मुसलमान किसी इमाम के कहने पर वोट नहीं देते थे। दिल्ली की जामा मसजिद के शाही इमाम अब्दुल्ला बुखारी का जब 1980 के दशक में देश के मुसलमानों पर दबदबा था या ऐसा वे दावा करते थे, उस समय भी उनके कहे मुताबिक पश्चिम बंगाल के मुसलान वोट नहीं करते थे।
अब सवाल यह है कि उनकी नई राजनीतिक मुहिम से क्या बीजेपी को फायदा पँहुचाने के लिये है? क्या वे ममता को कमज़ोर करने के लिये यह काम कर रहे हैं या फिर उनके इरादे कुछ और हैं? क्या मुसलमान वोटर वाकई ममता को छोड उनकी पार्टी को वोट भी देगा, यह भी बडा सवाल है?