डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चाय की पेशकश को ठुकरा दिया है। उन्होंने रविवार को कोलकाता में अपना आंदोलन जारी रखा। उन्होंने कहा कि वे चाय तभी पिएंगे जब न्याय मिलेगा।
ममता बनर्जी से उनके आवास पर मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल डॉ. अकीब ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें चाय पर आमंत्रित किया। एएनआई से डॉ. अकीब ने कहा, 'हमें कालीघाट में आधिकारिक वार्ता के लिए आने के लिए कहा गया था; हम वहां गए। जब हम वहां गए, तो हमने अपनी मांग के साथ समझौता भी किया कि बैठक लाइव होनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री बाहर आईं और हमसे चाय पर बैठक करने का अनुरोध किया- लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हम चाय तभी पीएंगे जब न्याय मिलेगा। बाद में हमने रिकॉर्डिंग की मांग भी छोड़ दी और सिर्फ़ बैठक के मिनट मांगे, लेकिन हमें बताया गया कि देरी हो चुकी है और अब कुछ नहीं किया जा सकता है।'
इन्हीं घटनाक्रमों के बीच सीबीआई ने बलात्कार हत्या मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को शनिवार रात को गिरफ़्तार कर लिया है। उनके साथ ही एक पुलिस इंस्पेक्टर को भी गिरफ़्तार किया गया है। सीबीआई ने उनपर अपराध स्थल को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने, आधिकारिक नियमों का उल्लंघन करने, आपराधिक साजिश रचने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने में शामिल होने का आरोप लगाया है।
जूनियर डॉक्टर बलात्कार और हत्या पीड़ित अपने साथी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। एक जूनियर डॉक्टर का शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बेरहमी से बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
डॉ. अकीब ने कहा कि संदीप घोष की गिरफ्तारी उनकी मांगों को सही साबित करती है। उन्होंने कहा, 'संदीप घोष ने जो किया है, वह एक संस्थागत अपराध है। हम चाहते हैं कि इसमें शामिल सभी लोग इस्तीफा दें।' उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई बैठक को भी याद किया, जो बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई। जूनियर डॉक्टरों ने बैठक की रिकॉर्डिंग करने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने मना कर दिया, जिसके कारण डॉक्टर बिना किसी समझौते के चले गए। डॉक्टर मंगलवार से ही स्वास्थ्य भवन के बाहर कई मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं, जिसमें सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा और आरजी कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है।
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