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पश्चिम बंगाल: शिक्षक भर्ती घोटाले में टीएमसी नेता कुंतल घोष गिरफ्तार 

पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में आज शनिवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की यूथ विंग के नेता कुंतल घोष को गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को उत्तरी कोलकाता में चिनार पार्क स्थित उनके फ्लैटों की तलाशी ली औऱ उनसे पूछताछ भी कि,  जांच में सहयोग न करने के कारण उनकी गिरफ्तारी की गई। घोष हुगली जिले में तृणमूल कांग्रेस की युवा इकाई के नेता हैं। ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी पूछताछ कर चुकी है।
घोष की गिरफ्तारी से पहले जांच एजेंसी ने तृणमूल कांग्रेस के नेता तापस मंडल से इस महीने की शुरुआत में पूछताछ की थी। जांच एजेंसी की पूछताछ में मंडल ने ही पैसे उगाहने वालों में घोष का नाम लिया था। घोष को शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगी।  
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घोष की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने ट्विटर पर लिखा कि TMC के युवा नेता को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने बताया कि उसने 325 उम्मीदवारों से 19 करोड़ रुपये एकत्र किए। अगर उनके जैसी छोटी मछली इतना पैसा इकट्ठा कर रही है, तो कल्पना कीजिए कि टीएमसी की बड़ी मछलियों द्वारा किया जाने वाला घोटाला किस हद तक है?
घोष की गिरफ्तारी पर टीएमसी की तरफ से अभी तक कोई सफाई नहीं आई है।
सीबीआई और ईडी पिछले साल से ही शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे हैं। इस घोटाले में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने 2014 और 2021 के बीच सरकारी स्कूलों में नौकरी के इच्छुक शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे। इस घोटाले पिछले साल राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
राज्य में सत्तारुढ़ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार पर लगातार घोटालों का आरोप लगता रहा है। इसके पहले शारदा घोटाले में भी पार्टी के नेताओं का नाम सामने आ चुका है। जिसमें कई टीएमसी के कई नेताओं को जेल जाना पड़ा था।
टीएमसी की सरकार में हुआ किसी भी घोटाले में शिक्षक भर्ती घोटाला सबसे नया है जिसमें शिक्षा मंत्री तक का नाम सामने आया था, और बाद में उनकी गिरफ्तारी भी हुई। सौ करोड़ से ज्यादा के इस घोटाले में आरोप है कि शिक्षा मंत्री की शह पर उनसे जुड़े करीबियों ने शिक्षकों औऱ गैर शिक्षण स्टाफ की भर्ती कराने लिए उम्मीदवारों से पैसे लिए।
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क़मर वहीद नक़वी
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