पश्चिम बंगाल में करारी हार के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) अपना वजूद बचाने के लिए क्या भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला रही है? दोनों पार्टियाँ बिल्कुल विपरीत ध्रुवों पर हैं और एक-दूसरे को फूटी आँखों नहीं देख सकती हैं। यह भेद व्यक्तिगत नहीं, वैचारिक और सैद्धान्तिक है। सैद्धांतिक लड़ाई सांप्रदायिकता के मुद्दे तक सीमित नहीं है, आर्थिक नीति, विदेश नीति, सामाजिक मूल्य जैसे तमाम क्षेत्रों में है। उनके बीच कोई समानता नहीं है। संसद के बाहर और भीतर दोनो एक दूसरे के ख़िलाफ़ रहे हैं और दोनों ने एक दूसरे के ख़िलाफ़ मुहिम चलाई है। फिर दोनों एक-दूसरे से हाथ मिला रही हैं, यह कोई सोच कैसे सकता है?
तृणमूल को रोकने के लिए बीजेपी से हाथ मिला रही है सीपीएम?
- पश्चिम बंगाल
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- 29 May, 2019
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को रोकने के लिए सीपीआईएम बीजेपी के साथ हाथ मिला रही है। पर वह कितना कामयाब होगी?
