पश्चिम बंगाल में एक ओर चुनावी रैलियां हो रही हैं और दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के मामलों में जबरदस्त उछाल आया है। पश्चिम बंगाल की चुनावी रैलियों में गिने-चुने लोग होते हैं, जिन्होंने मास्क लगाया होता है और सोशल डिस्टेंसिंग तो नदारद होती है। ऐसे में संक्रमण के मामले बीते एक महीने में 18 गुना बढ़ गए हैं।
राज्य में अभी 15 दिन और चुनाव प्रचार होना है, ऐसे में अगर सावधानी नहीं बरती गयी तो हालात बिगड़ सकते हैं। पश्चिम बंगाल में 10 मार्च को कोरोना के 241 मामले थे जबकि 11 अप्रैल को ये 4,398 पर पहुंच गए। राज्य में अब तक 10,400 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
कोलकाता में रविवार को अब तक के सबसे ज़्यादा मामले आए और यह आंकड़ा 1,109 रहा। इसके बाद उत्तर 24 परगना में 1,047 मामले सामने आए हैं।
1 अप्रैल के बाद 11 दिनों में ही राज्य में कोरोना संक्रमण के 27,981 नए मामले आ चुके हैं और 71 लोगों की मौत हुई है। 10 मार्च को एक्टिव मामलों की संख्या 3,127 थी जबकि 11 अप्रैल को यह आंकड़ा 23,981 पर पहुंच गया है। इस तरह एक्टिव मामलों की संख्या भी लगभग 8 गुना हो चुकी है।
संक्रमण के बढ़ते मामले या फिर एक्टिव मामले इस बात को बताते हैं कि राज्य में हालात ठीक नहीं हैं लेकिन इसके बीच राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना, सैनिटाइजर, मास्क का इस्तेमाल बेहद ज़रूरी है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।
फिर आए रिकॉर्ड मामले
रविवार को 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख 68 हज़ार 912 पॉजिटिव केस आए। यह अब तक का सबसे ज़्यादा आंकड़ा है। एक दिन पहले ही क़रीब 1 लाख 52 हज़ार केस आए थे। यानी एक दिन में क़रीब 16 हज़ार केस और बढ़ गए। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटों में 904 लोगों की मौत हुई है।
इसके साथ ही देश में अब कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 12 लाख से भी ज़्यादा हो गई है। देश भर में अब तक कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 1 करोड़ 35 लाख 27 हज़ार से ज़्यादा हो गई है और 1 लाख 70 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है।
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