बंगाल के जंगलमहल इलाके में जाने और गाजन उत्सव देखने का सौभाग्य हुआ। गाजन, भोक्ता और चड़क पूजा के कारण पूरा इलाका उत्सव के रंगों से सराबोर हो चुका है। अब कहाँ पुलिस की गश्ती और कहाँ चुनावी तपिश?
जंगलमहल: शरीर को लहूलुहान कर देवता को प्रसन्न करने का उत्सव
- पश्चिम बंगाल
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- 17 Apr, 2021

दरअसल 13 अप्रैल को नील की पूजा के साथ ही इस इलाके में शिवजी की आराधना और सप्ताह व्यापी गाजन उत्सव की धूम शुरू हो जाता है। 14 अप्रैल को गाजन होता है। गाजन के कई अर्थ लोग बताते हैं। 'गा' का मतलब गाँव और 'जन' का अर्थ जनसमावेश।
आसमान से सूरज जैसे आग का गोला बरसा रहा है फिर भी लोग महादेव शिवजी की आराधना में लीन। महिलाएं नील के रूप में शिवजी की पूजा-अर्चना कर घर, परिवार और समाज की बेहतरी की कामना कर रही है। पूरे दिन वे निर्जला उपवास रहकर समृद्धि की कामना के लिए नील पर जलार्पण करती हैं।
दरअसल 13 अप्रैल को नील की पूजा के साथ ही इस इलाके में शिवजी की आराधना और सप्ताह व्यापी गाजन उत्सव की धूम शुरू हो जाता है। 14 अप्रैल को गाजन होता है। गाजन के कई अर्थ लोग बताते हैं। 'गा' का मतलब गाँव और 'जन' का अर्थ जनसमावेश। लोगों का जुटना।