आख़िरकार पश्चिम बंगाल सरकार ने शेख शाहजहाँ को सीबीआई को सौंप दिया। कलकत्ता हाईकोर्ट के ताजा निर्देश के कुछ घंटों बाद बुधवार को सीबीआई को शेख शाहजहां की हिरासत मिल गई। वह संदेशखाली में ईडी आधिकारियों पर हमला करने के मामले में आरोपी हैं।
हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बार फिर पश्चिम बंगाल प्रशासन को पूर्व तृणमूल कांग्रेस नेता की हिरासत शाम 4.15 बजे तक सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इसके बाद शाम 4 बजे से पहले ही सीबीआई अधिकारियों की एक टीम पुलिस हेडक्वार्टर भवानी भवन पहुंच गई थी। मंगलवार को भी मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पुलिस से शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपने के लिए कहा था, लेकिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पुलिस ने यह कहते हुए शेख की हिरासत सौंपने से इनकार कर दिया था कि मामला विचाराधीन है।
शाहजहाँ को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 5 जनवरी को संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हमले के सिलसिले में 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। ईडी टीम पर तब हमला किया गया था जब वह कथित राशन घोटाला मामले में उनके घर पर छापा मारने जा रही थी।
आरोप है कि शेख शाहजहां और उनके लोगों ने छापेमारी के लिए आए ईडी के अधिकारियों पर हमला किया था। हाईकोर्ट ने शाहजहां की हिरासत भी सीबीआई को देने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि इस मामले से जुड़े सभी कागजात तुरंत सीबीआई को सौंप दिए जाएँ। हाईकोर्ट के इस आदेश पर राज्य सरकार के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने तीन दिन के लिए रोक लगाने की मांग की, जिसे खंडपीठ ने अस्वीकार कर दिया था।
इधर हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा था कि वह अपने आदेश के कार्यान्वयन को लेकर गंभीर है। इसमें कहा गया, 'सुप्रीम कोर्ट ने रोक का आदेश नहीं दिया है। इसलिए शाहजहां को आज शाम 4.15 बजे तक सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए।'
उच्च न्यायालय ने अवमानना का नोटिस भी जारी किया और बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग को दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा। बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में संदेशखाली को लेकर मचे सियासी तूफान के केंद्र में शेख शाहजहां हैं। वहाँ के निवासियों ने शाहजहाँ और उनके सहयोगियों पर उत्पीड़न, भूमि हड़पने और जबरन वसूली का आरोप लगाया है।
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