‘हमारे घर में बेटे की शादी से संबंधित विवाद चल रहा था। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता शेख आज़ाद रहमान ने इसके निपटारे के लिए एक सालिसी सभा बुलाई थी। उसमें हमारा पहुँचना अनिवार्य बताया गया था। साथ ही धमकी दी गई थी कि अगर हम वहां हाजिर नहीं हुए तो हमारे साथ मारपीट और लूटपाट की जाएगी। इस डर से हमने रातों रात अपने पशुओं के साथ गाँव छोड़ दिया।’