पहले लोकसभा और उसके बाद हाल में हुए विधानसभा की चार सीटों के लिए हुए उपचुनाव में लगे करारे झटकों के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा में घमासान मचा है। अब इसके लिए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पार्टी के पुराने नेताओं के निशाने पर हैं। केंद्रीय नेतृत्व ने लोकसभा से लेकर विधानसभा के उपचुनाव तक उम्मीदवारों के चयन में शुभेंदु की राय को ही सबसे ज्यादा तवज्जो दी थी। इसलिए अब हार का ठीकरा उनके सिर ही फोड़ा जा रहा है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने यह कह कर पार्टी में उथल-पुथल मचा दी है कि उसके (भाजपा के) दो सांसद 21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
चुनावी झटकों के बाद बंगाल भाजपा में घमासान, कैसे उबरेगी पार्टी?
- पश्चिम बंगाल
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- 19 Jul, 2024

पश्चिम बंगाल में दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में जारी मतभेद क्या संगठन के हित में हैं? आख़िर इससे कैसे पार पाएगी बीजेपी?
हार की वजहों की समीक्षा के लिए कोलकाता में आयोजित भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में तमाम नेता एक-दूसरे के कोर्ट में गेंद फेंकने में ही जुटे रहे। शुभेंदु ने तो प्रधानंमत्री के सबका साथ, सबका विकास के नारे को नकारते हुए पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा को खत्म करने की मांग उठाई। इस पर पार्टी में हड़कंप मचना स्वाभाविक था। डैमेज कंट्रोल की कवायद के तहत पहले तो शुभेंदु से ही सफाई दिलाई गई औऱ उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह शुभेंदु के निजी विचार हैं, पार्टी के नहीं।