आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार वर्मा को कोलकाता का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। यह घोषणा विनीत गोयल को पद से हटाने की घोषणा के एक दिन बाद की गई है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मुख्यमंत्री की मुलाक़ात के बाद गोयल को पद से हटाने की घोषणा की गई थी। गोयल को पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल यानी एसटीएफ का पुलिस महानिरीक्षक नियुक्त किया गया है।
वर्मा पश्चिम बंगाल पुलिस के शीर्ष वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं, जिन्हें जंगलमहल प्रभावित क्षेत्र में कई वर्षों तक फ्रंट लाइन पर काम करने का लंबा अनुभव और विशेषज्ञता है।
1998 बैच के वर्मा पश्चिम बंगाल पुलिस में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) के पद पर तैनात थे। इससे पहले वे बैरकपुर पुलिस आयुक्त और सुरक्षा निदेशालय में अतिरिक्त निदेशक के पद पर कार्यरत थे।
9 अगस्त को शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के एक महीने से अधिक समय बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता के नये पुलिस आयुक्त की नियुक्ति की। यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सोमवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त गोयल सहित वरिष्ठ पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने की घोषणा के एक दिन बाद हुआ है।
प्रदर्शनकारियों ने पांच सूत्री मांगें रखी हैं- बलात्कार-हत्या की जांच में तेजी लाना और दोषियों को बिना देरी के दंडित करना, आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष और अन्य सभी को निलंबित करना, कोलकाता के सीपी गोयल को हटाना, अस्पताल परिसर में पर्याप्त सुरक्षा और सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में व्याप्त धमकी की संस्कृति को ख़त्म करना।
बहरहाल, कोलकाता के नए पुलिस प्रमुख वर्मा के सामने प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध और आगामी दुर्गा पूजा उत्सव के बीच कोलकाता में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती होगी।
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