पश्चिम बंगाल बीजेपी में बीते कई महीनों से चल रही उठापटक के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के तीन दिन के दौरे पर पहुंचे हैं। साल 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अमित शाह का यह पहला दौरा है।
अमित शाह इस दौरान राज्य भर में आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे और राज्य बीजेपी के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
बंगाल में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही राज्य के बीजेपी नेताओं के बीच खटपट की खबरें लगातार आ रही हैं। बीते कुछ महीनों में राज्य बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने पार्टी के आधिकारिक वॉट्सएप ग्रुप को भी छोड़ दिया है।
विधानसभा चुनाव के बाद मुकुल रॉय सहित कई नेताओं ने बीजेपी को छोड़कर फिर से टीएमसी का हाथ पकड़ लिया है। निश्चित रूप से इससे बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व भी चिंतित है।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य में अच्छी सफलता मिली थी लेकिन इस बार ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से अधिकतर सीटें जीतकर केंद्र की सियासत में अपना दखल बढ़ाना चाहती हैं।
क्या है मामला?
बंगाल बीजेपी संगठन में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति को लेकर पार्टी में खासा विवाद हो चुका है। कहा जा रहा है कि मतुआ समुदाय के कुछ नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी के समर्पित और पुराने कार्यकर्ताओं को किनारे लगाया जा रहा है और हाल ही में पार्टी में शामिल हुए लोगों को प्रमोट किया जा रहा है।
सांसद लॉकेट चटर्जी कह चुकी हैं कि संगठन में यह नियुक्तियां योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि कोटा सिस्टम के आधार पर हुई हैं।
निकाय चुनाव में हार
विधानसभा चुनाव के बाद हुए स्थानीय निकाय और नगर निगम के चुनाव में टीएमसी को एकतरफा जीत मिली है। हाल ही में आसनसोल लोकसभा सीट और बालीगंज विधानसभा सीट पर भी टीएमसी को जीत मिली थी। इसके बाद से राज्य बीजेपी के कार्यकर्ताओं में निराशा दिखाई दी है।
बंगाल के निकाय चुनाव के नतीजों को लेकर भी बीजेपी नेतृत्व परेशान है क्योंकि निकाय चुनाव में उसे सिर्फ 13 फीसद वोट मिले हैं जबकि वाम दलों को 14 फीसद। बीजेपी के लिए चिंता का विषय यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे 40 फीसद वोट मिले थे और अब उसका प्रदर्शन काफी नीचे गिर गया है।
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