2 अक्टूबर की शाम भी ढल रही है। विश्वविद्यालय परिसर में सन्नाटा था। आज हमें विभाग या विश्वविद्यालय की तरफ़ से कोई बुलावा भी नहीं आया। 2 अक्टूबर को राजकीय अवकाश है न ? फिर बुलावा क्यों?