भारत के लोगों के लिए साहस इतना अपरिचित होता जा रहा है कि सूरज उगने पर दिन होता है जैसी बात कहना भी भारी साहस का प्रमाण माना जाने लगा है। ऐसी स्थिति में अगर कोई व्यक्ति तथ्य कथन से आगे बढ़कर अपनी राय दे और वह भी ऐसी जो राजकीय राय से भिन्न हो, तो वह दुस्साहस की श्रेणी में आएगा। और वह और भी बड़ा दुस्साहस है अगर वह व्यक्ति कोई अधिकारी है। यानी वह ऐसे पद पर है जिसके लिए राज्य की कृपा बनी रहनी चाहिए।