“गुजरात को बदनाम करने की साज़िश की गई और वहाँ निवेश रोकने की कोशिश की गई।” प्रधानमंत्री ने अभी दो रोज़ पहले गुजरात में यह वक्तव्य दिया। इस वक्तव्य को नोट तो किया गया लेकिन इसके मायने पर विचार नहीं किया गया है।
बिलकीस बानो: इंसाफ मांगना क्या गुजरात को बदनाम करना है?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Aug, 2022

इशारे से बतलाया जा रहा है कि अभी जो लोग बिलकीस बानो के मुजरिमों की रिहाई के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं, वे उसी अभियान का हिस्सा हैं, जो 2002 के दंगों के बाद गुजरात को बदनाम कर रहे थे, उसके ख़िलाफ़ एक अहिंसक धर्मनिरपेक्ष हिंसा भड़का रहे थे।
बिलकीस बानो के मुजरिमों की रिहाई के बाद बार-बार कहा जा रहा था कि गुजरात सरकार ने प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के नारी सम्मान के आह्वान के ख़िलाफ़ आचरण किया है। अख़बार और दूसरे लोग इस मामले में प्रधानमंत्री की चुप्पी पर निराशा जाहिर कर रहे थे।
बिलकीस ने दोषियों को छोड़ा
बिलकीस और उसके परिजनों और गाँव वालों के ख़िलाफ़ सामूहिक हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के लिए उम्र क़ैद की सजा काट रहे अपराधियों को देश की आज़ादी के दिन माफ़ी दी गई थी। उनकी बाक़ी सजा माफ़ कर दी गई।