जवाहरलाल नेहरू और भगत सिंह का क्या रिश्ता हो सकता है? एक समय था कि दोनों ही भारत के युवाओं के हृदय सम्राट माने जाते थे। नेहरू और भगत सिंह समकालीन थे लेकिन नेहरू उम्र और राजनीतिक या सार्वजनिक अनुभव में भगत सिंह से बड़े थे। दोनों को एक साथ रखना किसी भी तरह संभव नहीं माना जाता। समय बीतने के साथ भारत के एक तबक़े का रवैया नेहरू के प्रति बदलने लगा और माना जाने लगा कि वह नेहरू से आगे निकल आए हैं। अब नेहरू को लेकर वितृष्णा दक्षिणपंथियों में घृणा के चरम पर पहुँच गई है। भगत सिंह के प्रति अनुराग बढ़ता चला गया है। विडंबना यह है कि भगत सिंह दक्षिणपंथियों और वामपंथियों के बीच एक जैसे ही लोकप्रिय हैं। नेहरू के प्रति वामपंथियों की आरंभिक वितृष्णा पिछले कुछ वर्षों में कम हुई है लेकिन उसके प्रति दुविधा बनी हुई है। दक्षिणपंथियों में नेहरू को लेकर जो हिंसक घृणा थी, वह बढ़ती चली गई है। सामान्य जनता, जो न सचेत रूप से वामपंथी है न सोच समझकर दक्षिणपंथी, उसका रुख़ इन दोनों के प्रति कमोबेश दक्षिणपंथी ही रहा है। भगत सिंह के प्रति आकर्षण बढ़ता चला गया है और नेहरू से नफ़रत गहरी होती गई है।