नताशा और देवांगना की गिरफ़्तारी भारतीय जनतंत्र के लिए ख़तरे की घंटी है। लेकिन यह घंटी तो बिना रुके बजे जा रही है और हम सुन ही नहीं रहे। इन दोनों को दो दिन की पुलिस रिमांड दी गई है। इतवार 24 मई के दिन दोनों को मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था। उन्हें 23 मई को दिल्ली में उनके घर से जाफ़राबाद पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तारी शाम 6 बजे की गई। यह किंचित नाटकीय तरीक़े से की गई कार्रवाई थी।
भारतीय जनतंत्र के लिए ख़तरे की घंटी है नताशा और देवांगना की गिरफ़्तारी
- वक़्त-बेवक़्त
- |
- |
- 25 May, 2020

सफ़ूरा, मीरान के बाद “पिंजरा तोड़” की सदस्यों देवांगना, नताशा को भी दिल्ली में हुई हिंसा की साज़िश में संलिप्तता के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तारी उन लोगों की हो रही है जो दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के ख़िलाफ़ हुए विरोध-प्रदर्शनों में किसी न किसी रूप में शामिल थे।
जाफ़राबाद पुलिस ने उनके घर में तब प्रवेश किया, जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के लोग उनसे पूछताछ कर रहे थे। इसे “इंटरोगेशन” कहा जा रहा है जो दिल्ली पुलिस फ़रवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा की “साज़िश का पर्दाफ़ाश करने के लिए” अलग-अलग लोगों से कर रही है। प्रायः इसका अंत गिरफ़्तारी में होता है। यह पिछले दिनों सफ़ूरा, मीरान, शिफ़ा, गुलफ़िशा और आसिफ़ के मामले में देखा गया है। इन सबको फ़रवरी की दिल्ली हिंसा की साज़िश में संलिप्तता के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है।