मूर्खता की राष्ट्रीय, नहीं, नहीं, अंतरराष्ट्रीय परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसमें उत्तीर्ण होने पर आप प्रामाणिक रूप से मूर्ख घोषित किए जा सकेंगे। अनौपचारिक मूर्खता को औपचारिक, आधिकारिक स्वीकृति दिए बिना वह इस आधुनिक राष्ट्र राज्य की संप्रभुता वाले समाज में खुद को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाती। व्यक्तिगत मूर्खता को राज्य का आश्रय मिलने पर उसमें आत्मविश्वास पैदा होता है। वह राष्ट्रीय उत्थान में सक्रिय भूमिका निभा सकती है।