मूर्खता की राष्ट्रीय, नहीं, नहीं, अंतरराष्ट्रीय परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसमें उत्तीर्ण होने पर आप प्रामाणिक रूप से मूर्ख घोषित किए जा सकेंगे। अनौपचारिक मूर्खता को औपचारिक, आधिकारिक स्वीकृति दिए बिना वह इस आधुनिक राष्ट्र राज्य की संप्रभुता वाले समाज में खुद को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाती। व्यक्तिगत मूर्खता को राज्य का आश्रय मिलने पर उसमें आत्मविश्वास पैदा होता है। वह राष्ट्रीय उत्थान में सक्रिय भूमिका निभा सकती है।
मूर्खता की राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित की जा रही है!
- वक़्त-बेवक़्त
- |
- |
- 22 Feb, 2021

जैसे पोलियो निवारण के बारे में कहा जाता है कि कोई अगर एक भी टीका लेने से रह गया तो वह चक्र अधूरा रह जाता है, उसी प्रकार मूर्खता के सर्वव्यापीकरण में कोई छिद्र न रह जाए, इसका पूरा जतन किया जाता है। मूर्खता स्वैच्छिक होती है। आगे बढ़कर उसका वरण करना होता है।
जब यह पंक्तियाँ लिख रहा हूँ, देश में दावा है कि दूसरे देशों में भी 5 लाख लोग गौ ज्ञान-विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इसे कामधेनु आयोग आयोजित कर रहा है। ज्ञान-विज्ञान कहने से रुआब पड़ता है। भारत की एक ग्रंथि विज्ञान भी है। हमारे बचपन में यज्ञोपवीत संस्कार के बाद लघुशंका निवारण के समय उसे कान पर लपेटने का वैज्ञानिक कारण बतलाया गया था।