ख़ुशबू बेगम की ख़ुदकुशी के लिए असम सरकार और उसमे भी उसके मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ज़िम्मेवार हैं। उन्होंने गले में फंदा लगाकर , पंखे से लटककर अपनी जान दे दी। वे दो बच्चों की माँ थीं। उनका पति अभी दो साल पहले कोरोना में गुजर गया था। वे असम में रहती थीं।यह ख़ुदकुशी किसी बीमारी, ग़रीबी से पैदा हुए अवसाद के कारण नहीं की गई। ख़ुशबू असम की उन 31% औरतों में हैं जिनका बाल विवाह हुआ है। अचानक असम के मुख्यमंत्री को सनक सवार हुई है कि बाल विवाह एक ऐसा सामाजिक अपराध है जिसे फ़ौरन रोका जाना ज़रूरी है।इसके लिए वे उन लोगों को सबक़ सिखाना चाहते हैं जो के बाल विवाह के लिए ज़िम्मेवार हैं। वे कौन हो सकते हैं, अलावा उनके पिताओं और पतियों के? मुख्यमंत्री ने हुक्म दिया कि इन सबको गिरफ़्तार किया जाए। और हुक्म के ताबेदार पुलिस अधिकारी उत्साह के साथ जुट गए हैं।
असम में बाल विवाह रोकने के नाम पर अत्याचार !
- वक़्त-बेवक़्त
- |
- |
- 29 Mar, 2025

असम में बाल विवाह रोकने के नाम पर पुलिस ने तरीब ढाई हजार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि यह कार्रवाई समुदाय विशेष पर की जा रही है। दूसरी तरफ एक सामाजिक समस्या का हल असम की बीजेपी सरकार पुलिसिया कार्रवाई में तलाश हो रही है जो तमाम सवाल खड़े करता है।