पापा, सभी कहते हैं तुम्हारे पापा आतंकी हैं, मैं स्कूल नहीं जाऊँगी अब।

-सय्यद वासिफ हैदर की बेटी
  • जेल मैंने नहीं, मेरे बच्चों ने काटी है।
-इरशाद अली
  • मैंने तुम्हें एटीएस के हाथों बेच दिया है....।
-अबरार अहमद ग़ुलाम अहमद
  • पुलिस ने मेरी जेब से मिले दो खजूर फेंक दिए, बोले- इससे तू इफ़्तारी करेगा?
-रज्जब अली
  • वे मेरा गुप्तांग पकड़कर खेलते और मेरा यौन शोषण करते।
-डॉ. फरोग़ अनवर इक़बाल अहमद मख़दमी
  • मेरी ग़िरफ़्तारी मज़हब के ख़िलाफ़ साज़िश थी।
-नूरुल हुदा
  • जेल प्रशासन पुराने क़ैदियों से पिटवाता था। ईद पर सेल का दरवाज़ा खोलने को कहा था। उन्होंने क़ुरान पैरों में रौंद दी।
-मोहम्मद इलियास
  • सज़ा और न्याय मज़हब देखकर न दी जाए।
-अमानुल्लाह अंसारी
  • चाह कर भी मैं अपने साथियों के बराबर नहीं आ सकता हूँ।
-वाहिद शेख़
  • एक ग़लत सिम ने फाज़ली को 12 साल के लिए जेल में डाल दिया।
-मोहम्मद हुसैन फाज़ली
  • जब इंस्पेक्टर ने कहा- तुम मुसलमान देश और हिंदुत्व के लिए पोटेंशियल थ्रेट हो...।
-तारिक़ अहमद डार
  • हमें ऐसा लगा कि हमें डाकू अग़वा करके ले जा रहे हैं...।
-रहमाना युसूफ फ़ारुक़ी
  • मेरे बाइज़्ज़त बरी होने के बावजूद मुझे मीडिया ने हमेशा आतंकी लिखा।
-अब्दुल मुबीन
  • ‘क्यों मैं कश्मीर का शहरी हूँ, मुल्क़ का नहीं?’
  • ‘मैं दुआ करता था कि रमज़ान न आए।’