नामवर सिंह नब्बे साल के हो गए हैं। कसरती बदन के नामवर सिंह, जिन्हें देखकर कभी पहलवान से मिलने का भ्रम होता था, अब कृशकाय हो गए हैं। वे बहुत धीरे चलने लगे हैं और उनकी आवाज़ भी मद्धिम हो चली है। काल मर्त्य शरीर से यह कीमत तो वसूलता ही है, इसलिए इसका अफ़सोस नहीं।
नामवर सिंह 90 के हो गए हैं और थोड़े से कुछ ज़्यादा अकेले भी
- साहित्य
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- 21 Feb, 2019

नामवर सिंह के 90 साल पूरे करने पर हिन्दी साहित्य के आलोचक अपूर्वानंद ने यह लेख लिखा था।
नब्बे साल का होना भी अब ख़बर नहीं, क्योंकि आम तौर पर दीर्घायुता में वृद्धि हुई है। लेकिन किसी आलोचक का तकरीबन सत्तर साल तक रचनात्मक रूप से सक्रिय बने रहना ज़रूर ख़बर है। रचनात्मक सक्रियता के साथ अपने समय के लिए प्रासंगिक बने रहने को भी जोड़ लेना चाहिए। अपनी पीढ़ी के लिए उन्होंने जो सख्त साहित्यिक कसौटी बना रखी थी, जिसका पता उनके पुस्तक 'कहानी नई कहानी' से चलता है, उसका इस्तेमाल वे नई रचनात्मकता के लिए नहीं करते दिखाई देते। इसे कई लोग ढिलाई कहते हैं।