ये पंक्तियाँ 5 दिसंबर को पढ़ी जाएँगी। आज से ठीक 30 साल पहले, 5 अगस्त, 1992 को लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी ने एक भाषण दिया। श्रोता वे ‘कार सेवक’ थे जिन्हें अगले दिन, यानी 6 दिसंबर को अयोध्या में होना था। वे सब बाबरी मस्जिद की जगह राम जन्म भूमि मंदिर के निर्माण के लिए कोई आधे दशक से चल रहे अभियान के तहत इकट्ठा किए गए थे। तब तक मालूम हो चुका था कि अयोध्या या फ़ैज़ाबाद में लाखों कार सेवक जमा हो चुके हैं।’