भारतीय लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनावों के ज़रिए जनता अपने प्रतिनिधि चुनती है। यही प्रतिनिधि आगे मुख्यमंत्री/प्रधानमंत्री का चुनाव करते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में लगभग दो तिहाई बहुमत के साथ भारतीय जनता पार्टी ने विजय हासिल की और 25 मार्च, 2022 को ‘विशाल’ शपथ ग्रहण समारोह हुआ। लोकतंत्र से चुने गए प्रतिनिधियों को ‘राजसी’ अनुभव दिलाने के लिए शपथ ग्रहण को ‘ऐतिहासिक’ बनाया गया।
योगी का शाही जलसा, और गरीब होती जनता!
- विमर्श
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- 27 Mar, 2022

उत्तर प्रदेश की क़रीब 20 करोड़ की आबादी में से 15 करोड़ लोगों को ग़रीबों वाला राशन मिलता है तो इसी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शाही अंदाज में शपथ ग्रहण समारोह पर पैसा क्यों बहाया?
शपथ ग्रहण का आयोजन, लखनऊ स्थित दुनिया के छठवें सबसे बड़े, इकाना स्टेडियम में किया गया। इस स्टेडियम में 70-80 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई। सादगी से भरी भारतीय विचार परंपरा में एक ‘मॉन्क’ ने करोड़ों रुपये ख़र्च करके संविधान की शपथ ली। शायद यह ‘ऐतिहासिक’ ही था।