मैं दावे के साथ तो नहीं कह सकती हूँ लेकिन आज के दौर की राजनीति और उससे उपज रही नागरिक प्रतिक्रिया यही संदेश दे रही है कि भारत में ‘राजनैतिक समझ’, और ‘अधिकार चेतना’ अपने निम्न स्तर पर है।