जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग घातक होने वाला है! इस बार अक्टूबर की गर्मी भी इसका कुछ संकेत दे रही है। ब्रिटेन में इस मौसम में भी 22 डिग्री तापमान है। क्या यह सामान्य घटना है? इस सदी के आख़िर तक तो हालात बेहद ख़राब होने की आशंका है। औद्योगीकरण के पूर्व के स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ने का आकलन किया गया है। नए शोध में भविष्यवाणी की गई है कि इस वजह से सदी के अंत तक दिल का दौरा और हीट स्ट्रोक के मामले बेहद घातक होंगे। इसमें भी भारत और पाकिस्तान सहित दुनिया के कुछ सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में स्थिति ज़्यादा ख़तरनाक होगी।
सदी के आखिर तक भारत-पाक में 220 करोड़ लोग झेलेंगे घातक गर्मी: शोध
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- 10 Oct, 2023
ग्लोबल वार्मिंग से ख़तरों को लेकर आगाह किया जाता रहा है। इसमें ग्लेशियरों के पिघलने से तटीय शहरों के डुबने की आशंका तक शामिल है। नये शोध में स्वास्थ्य पर पड़ने वाले घातक प्रभाव को लेकर आगाह किया गया है।

शोध में कहा गया है कि यदि पृथ्वी का तापमान 2 डिग्री तक बढ़ गया तो भारत और पाकिस्तान की ही क़रीब 220 करोड़ की आबादी प्रभावित होगी। इसके अलावा चीन की 100 करोड़ और उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र के 80 करोड़ लोग गंभीर हालात का सामना करेंगे। जो शहर इस मुश्किल हालात का खामियाजा भुगतेंगे उनमें दिल्ली, कोलकाता, शंघाई, मुल्तान, नानजिंग और वुहान जैसे शहर शामिल होंगे।