बंजारों की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान की तलाश करता नाटक ‘छोड़ चला बंजारा’ को मनोरंजक प्रस्तुति के लिहाज़ से शानदार कहा जा सकता है। लेखक और निर्देशक कन्हैया लाल कैथवास ने बंजारों के संगीत और नृत्य की बारीकियों को मूल स्वरूप में रखने की सफल कोशिश की।

‘छोड़ चला बंजारा’ को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पच्चीसवें रंग महोत्सव में पेश किया गया। जानिए, कैसी रही प्रस्तुति।
इस नाटक को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पच्चीसवें रंग महोत्सव में पेश किया गया। बंजारों की अनेक जातियाँ देश के विभिन्न हिस्सों में रहती हैं, लेकिन कैथवास ने इस नाटक को हैदराबाद के लम्बाडी समुदाय से प्रेरित बताया है।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक