loader

योगी आदित्यनाथ ने सदन में आरोपियों की जाति बताई तो विवादों में घिरे

उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ नई ऊंचाइयां छू रहा है लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर समाजवादी पार्टी ने उनको घेर लिया है। लखनऊ के गोमती नगर में 31 जुलाई को भारी बारिश के दौरान महिला से मनचलों ने छेड़छाड़ की। इसका वीडियो वायरल हुआ और बढ़ते अपराधों के लिए लोगों ने योगी सरकार की आलोचना शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर सैकड़ों पोस्ट इस घटना के संबंध में गुस्सा जताते हुए आई। यूपी विधानसभा में जब यह मामला गुरुवार को जोरशोर से उठा तो योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में दो आरोपियों की जाति और धर्म बताते हुए बयान दिया। 
विधानसभा में सीएम योगी ने कहा 'हमने जवाबदेही तय की है। पहला आरोपी पवन यादव, दूसरा अरबाज़। ये सद्भावना वाले लोग हैं। चिंता मत करो, इनके लिए बुलेट ट्रेन चलेगी।' लेकिन हकीकत यह है कि इस मामले में 16 आरोपी हैं। गोमती नगर पुलिस ने सभी 16 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। लेकिन योगी ने सदन में सिर्फ पवन यादव और अरबाज का नाम लिया। इसे योगी आदित्यनाथ का समुदाय विशेष के प्रति पूर्वाग्रह न समझा जाए तो क्या समझा जाए।

ताजा ख़बरें
यूपी और खासकर लखनऊ के पत्रकारों ने योगी के बयान के बाद ट्वीट करके बाकी आरोपियों के नाम भी जारी कर दिए। पहले घटना का वीडियो देखिए-
योगी ने हालांकि विधानसभा में सिर्फ दो आरोपियों के नाम लिए। लेकिन गोमती नगर पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई करते हुए 16 आरोपियों को छेड़छाड़ में गिरफ्तार करने में कोई कोताही नहीं बरती। गोमती नगर पुलिस ने जिन 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया, उनके नाम हैं-  पवन यादव,  मोहम्मद अरबाज,  सुनील,  जयकिशन, विराज साहू,  अर्जुन अग्रहरि,  रतन गुप्ता,  कृष्णकांत गुप्ता, अमन गुप्ता,  अनिल कुमार,  प्रियांशु शर्मा,  आशीष सिंह,  विकास भंडारी,  मनीष,  अभिषेक तिवारी और अभिषेक कुमार। इस सूची से साफ है कि महिला से छेड़छाड़ करने वाले विभिन्न जातियों से थे। उनके नाम से इसकी पहचान होती है। लेकिन छेड़छाड़ के इन आरोपियों का धर्म या जाति उन पर लगे आरोप से बढ़कर है। 

Yogi Adityanath tells accused caste in Assembly, Samajwadi party sharp attack - Satya Hindi
गोमती नगर छेड़छाड़ के इन आरोपियों के फोटो से किसी की जाति या समुदाय का पता चल रहा है। लेकिन योगी ने सदन में सिर्फ मुस्लिम और यादव नाम लिया।
सपा का तीखा हमलासमाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को योगी के बयान पर तीखा हमला किया। सपा ने उन चार आरोपियों के फोटो भी सोशल मीडिया पर डाले और योगी से उनके नाम सदन में बताने को कहा। योगी पर हमला करते हुए सपा मीडिया सेल ने लिखा- सदन में अपराधियों की जाति बताने वाले सीएम योगी इन गुंडों बदमाशों अपराधियों माफियाओं बलात्कारियों की जाति भी जरूर बताएं। उसने वाराणसी घटना के चार आरोपियों के फोटो भी ट्वीट में लगाए हैं।
सपा मीडिया सेल ने इन आरोपियों को योगी की जाति का बताते हुए हमला किया। उसने आगे लिखा है-  इसी जाति पर सीएम योगी को बेहद गर्व है ऐसा वो कहते हैं ये अपराधी सीएम योगी के स्वजातीय होने के साथ साथ साथी भी हैं। सीएम योगी के युवा वाहिनी संगठन के पदाधिकारी भी हैं।  ये अपराधी पुलिस को मारते पीटते ,जान से मारने की धमकी देते हैं, किसके दम पर ? सीएम योगी और उनके खासमखास अंबरीश के दम पर,  सीएम योगी को शर्म आनी चाहिए।

अखिलेश का तंज

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा लेकिन उनका तंज राजनीतिक ज्यादा था। अखिलेश यादव ने लिखा-  दिल्ली का ग़ुस्सा लखनऊ में क्यों उतार रहे हैं? सवाल ये है कि इनकी प्रतिष्ठा को ठेस किसने पहुँचाई? कह रहे हैं सामने वालों से, पर बता रहे हैं पीछेवालों को। कोई है पीछे?

कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री सदन में इसलिए भड़के, क्योंकि दो दिन पहले उनके अपने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि यूपी में भ्रष्टाचार और अपराध बढ़ रहा है। मौर्य ने राज्य के डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें इस संबंध में निर्देश दिए थे। योगी ने मौर्य को उनकी इस हरकत का कोई जवाब नहीं दिया लेकिन गोमती नगर की घटना में आरोपियों की जाति बताकर अपने इरादे बता दिए।
उत्तर प्रदेश से और खबरें
यूपी सरकार और भाजपा के अंदर फैली कलह अब सार्वजनिक हो चुकी है। भाजपा आलाकमान ने मौर्य और योगी के अन्य विरोधियों को चुप कराने की बजाय कुछ भी बयान देने की छूट दे रखी है। मुख्यमंत्री को जब अपनी कुर्सी जाती दिखाई दे रही है तो वो खुद को कट्टर हिन्दूवादी नेता साबित करने में जुट गए हैं। पिछले दिनों उन्होंने खाने-पीने का सामान बेचने वाले लोगों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया ताकि उनके धर्म और जाति का पता चल जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अगले ही दिन रोक लगा दी थी। यूपी में भाजपा जिन दलों के साथ सरकार चला रही है, उन दलों के नेता भी योगी आदित्यनाथ के रवैए से नाराज हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी सार्वजनिक कर दी है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें