बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पंद्रह जनवरी को अपने जन्मदिन पर घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने किसी तरह के गठबंधन की संभावना को ख़त्म कर दिया। राज्य के राजनीतिक दलों को यह समझने में सात दशक लग गए कि उत्तर भारत का यह अकेला राज्य है जहाँ बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था के बावजूद गठबंधन की राजनीति कभी सफल नहीं हुई।