कूचबिहार में 10 अप्रैल को एक मतदान केंद्र पर भीड़ का सीआईएसएफ़ पर हमला चिंता का सबब क्यों नहीं बना? सरकार की कामयाबी या नाकामी क्या इससे तय होगा कि सरकार किसकी है?
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पंद्रह जनवरी को अपने जन्मदिन पर घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। क्या वह समझ गईं कि यूपी में गठबंधन की राजनीति नहीं चलेगी?
वृहत हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों का क्या संदेश है? क्या सेक्युलर दलों से उठ रहा मुसलमानों का भरोसा, किस बात का इशारा है ओवैसी की बढ़ती स्वीकार्यता?
प्रतिस्पर्धी का होना बीजेपी या जो भी दल सत्ता में है उसके लिए भी अच्छा होगा। क्योंकि उसे अपने में निरन्तर सुधार लाने का दबाव बना रहेगा। क्या बीजेपी के मुक़ाबले में कोई पार्टी है? क्या कोई रास्ता है?
राम मंदिर पर संघ और मोदी की सोच अलग है। पीएम नहीं चाहते कि चुनाव में मंदिर मुख्य मुद्दा बने। इसलिए वह कोर्ट के फ़ैसले से पहले किसी तरह का क़दम नहीं उठाना चाहते।
पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इन राज्यों के मतदाताओं ने इस सवाल का जवाब दे दिया है कि नरेन्द्र मोदी के सामने कौन है? तो क्या यह मोदी के लिए सँभलने का समय नहीं है?