दशकों तक राजनीति पर कांग्रेस के एकाधिकार ने देश का बहुत नुक़सान किया है। वर्तमान सत्तारूढ़ दल अभी उस स्थिति में पहुँचा नहीं है। पर हालात ऐसे ही रहे तो हम उसी दिशा में बढ़ रहे हैं। प्रतिस्पर्धी का होना बीजेपी या जो भी दल सत्ता में है उसके लिए भी अच्छा होगा। क्योंकि उसे अपने में निरन्तर सुधार लाने का दबाव बना रहेगा। एक समय ऐसा था जब लग रहा था कि देश में तीन राष्ट्रीय दल बन सकते हैं। कांग्रेस के अलावा भारतीय जनता पार्टी और जनता दल। साल 1988 में जनता दल का गठन भारतीय राजनीति की एक बहुत बड़ी घटना थी। तीनों दलों के चरित्र पर ग़ौर कीजिए। कांग्रेस मध्यमार्गी पार्टी थी जो वाम मार्ग की ओर झुकी हुई थी। बीजेपी दक्षिणपंथी पार्टी थी और है। जनता दल मध्यमार्गी दल था। जिसमें दोनों पक्ष के लोगों को समाहित करने की क्षमता थी।