loader

उदयपुर हत्याकांड को लेकर मुसलिम पर हमला, 'भारत माता' के नारे लगवाए!

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक मुसलिम व्यक्ति पर हमला किए जाने को लेकर दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। जिले के फराह के कुछ स्थानीय निवासियों द्वारा एक मुसलिम व्यक्ति पर कथित रूप से हमला किया गया था। पीड़ित शख्स का कहना है कि आरोपियों ने उसकी यह कहते हुए पिटाई की कि उसके समुदाय के लोगों ने कन्हैया लाल की हत्या की है। आरोप है कि पिटाई किए जाने के दौरान आरोपियों ने पीड़ित से 'भारत माता की जय' के नारे भी लगवाए।

आरोपियों ने कथित तौर पर जिन कन्हैया लाल की हत्या का ज़िक्र किया वह राजस्थान के उदयपुर का चर्चित मामला है। पेशे से एक दर्जी कन्हैया लाल को 28 जून को उदयपुर में एक दुकान पर बेरहमी से मार डाला गया था। रिपोर्टों में कहा गया कि कन्हैया लाल ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया था।

ताज़ा ख़बरें

नूपुर शर्मा हाल में इसलिए विवाद में रही हैं कि उन्होंने पैगंबर मुहम्मद साहब पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद देश भर में बवाल मचा। कई देशों ने उनके बयान पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में कड़ी टिप्पणी की थी। 

अदालत ने कहा था, 'हमने इस बात पर बहस देखी कि उन्हें (नूपुर को) कैसे उकसाया गया। लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह सब कहा और बाद में वह कहती हैं कि वह एक वकील थीं। यह शर्मनाक है। उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।' नूपुर शर्मा को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'नूपुर को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है या वह सुरक्षा के लिए ख़तरा बन गई हैं? देश में जो हो रहा है उसके लिए यह महिला अकेले ज़िम्मेदार है।' 

तो क्या देश में नूपुर शर्मा के बयान के बाद नफ़रत का माहौल बना? मथुरा की ताज़ा घटना क्या इसका ही संकेत देती है? मथुरा के फराह निवासी मुबीन कुरैशी रविवार को अपने पशुओं के लिए चारा इकट्ठा करने के लिए अपने खेतों में गये थे, जब कुछ लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की और उनको 'भारत माता की जय' का नारा लगाने के लिए मजबूर किया। बाद में एक आरोपी ने कथित तौर पर हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया जो वायरल हो गया।

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

पीड़ित ने कहा कि आरोपियों ने बाद में मारपीट वाला वह वीडियो अपलोड किया और पूरे गांव ने इसे देखा। मुबीन ने द वायर से कहा, 'हम एक ही गांव के हैं। हम एक दूसरे को जानते हैं।' मुबीन द्वारा दर्ज की गई पुलिस शिकायत के अनुसार, आरोपी ने उसे दाढ़ी से पकड़ रखा था और कहा था कि वह एक "राष्ट्र-विरोधी" है और उसके लोगों ने कन्हैया लाल की हत्या की है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपियों ने मुसलिमों के लिए अपशब्द कहते हुए कहा कि अब इस देश में नहीं रहने देंगे। 

सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड होते ही यूपी पुलिस ने संज्ञान लिया और आरोपियों की पहचान कर ली गई। द वायर से फराह पुलिस स्टेशन के एसएचओ रवींद्र बाबू ने कहा कि मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। एसएचओ ने भी कहा कि आरोपियों ने कथित तौर पर उससे 'भारत माता की जय' के जयकारे लगवाए और दुर्व्यवहार किया।

ख़ास ख़बरें

वैसे, 'भारत माता की जय' या 'जय श्री राम' के नारे लगाने को लेकर अब तक कई मामले आ चुके हैं जिसमें मुसलिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया। पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में एक गांव में भीख मांग रहे मुसलिम फकीरों से 'जय श्रीराम' बुलवाया गया और उन्हें आतंकवादी कहा गया। जब ये मुसलिम फकीर गांव में घूम रहे थे तो उनसे उनका आधार कार्ड दिखाने के लिए भी कहा गया। गांव का एक शख्स मुसलिम फकीरों से कहता है कि तुम लोग आतंकवादी हो, वह उनसे उनका नाम पूछता है और कहता है कि अपना आधार कार्ड दिखाओ। इसके बाद उनसे उठक-बैठक करने और जय श्री राम का नारा लगाने के लिए कहा जाता है।

क़रीब दो साल पहले की बात है। ‘भारत माता की जय’ के नारे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा था। तब मोदी ने कहा था कि कुछ लोगों को ‘भारत माता की जय’ बोलने में भी बू आ रही है। उनकी यह टिप्पणी तब आई थी जब उनसे कुछ दिन पहले ही मनमोहन सिंह ने कहा था कि ‘भारत माता की जय’ के नारे का इस्तेमाल उग्रवाद के रास्ते पर ले जाने के लिये हो रहा है। 

मोदी ने कहा था कि पहले कुछ लोग ‘वंदे मातरम’ कहने को लेकर आपत्ति जाहिर करते थे लेकिन अब वे लोग ‘भारत माता की जय’ पर भी आपत्ति जाहिर कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने भाषण के दौरान मनमोहन सिंह का नाम नहीं लिया था, लेकिन ऐसा समझा जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी का निशाना मनमोहन सिंह ही थे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें