उत्तर प्रदेश सरकार के फ़र्जी मुठभेड़ में मारने की कार्रवाइयों पर दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले के ठीक एक पखवाड़े बाद मऊ के रिटायर्ड फ़ौजी नायब सूबेदार बलदत्त पांडेय ने आरोप लगाया है कि मुठभेड़ के नाम पर एसटीएफ़ ने उनके निरपराध बेटे की ह्त्या की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में बीते सप्ताह दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि उनके बेटे के विरुद्ध कोई आपराधिक मामला नहीं था, मुख़्तार अंसारी गैंग का शार्प शूटर बताकर उसे फ़र्जी मुठभेड़ में मार डाला गया।
क्या यूपी में मुख़्तार अंसारी के नाम पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ हो रही हैं?
- उत्तर प्रदेश
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- 5 Sep, 2020

ग़ाज़ीपुर सहित समूचा पूर्वांचल इन दिनों जिस गहरे आतंक में डूबा है, उससे लोग हैरान हैं। अकेले ग़ाज़ीपुर में 22 लोगों को 'गुंडा एक्ट' और 'गैंगस्टर एक्ट' में निरुद्ध किया गया है। इनमें ज़्यादातर सीएए विरोध वाले हैं। 'उप्र रिहाई मंच' के संयोजक राजीव यादव का मानना है 'अपराध के आँकड़े ज्यों-ज्यों बढ़ते जा रहे हैं, खिसियाई बिल्ली की तरह पुलिस निरपराध लोगों को जेल में डालकर 'खंभा नोंच अभियान' की इतिश्री कर रही है। सवाल उठता है कि योगी सरकार के अपने इस राजनीतिक क्रियाकलाप से राज्य को कहाँ तक सुधार सकेगी?'