'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश में दलितों की यह स्थिति है कि पेड़ से पत्तियाँ तोड़ लेने के आरोप में एक दलित को बुरी तरह पीटा गया। इससे अपमानित उस युवक ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया है और जाँच कर रही है।
आत्महत्या
फ़तेहपुर ज़िले के मलवां में रहने वाले दलित युवक धर्मपाल दिवाकर को इसलिए बुरी तरह पीटा गया कि उसने आम के पेड़ से कुछ पत्तियाँ तोड़ लीं। परिजनों का कहना है कि इसके बाद ही उसने आत्महत्या कर लिया।
हालांकि धर्मपाल ने सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है। पर पुलिस का कहना है कि परिजनों की शिकायत पर नूर मुहम्मद और सलमान को गिरफ़्तार किया गया है। पुलिस तीसरे अभियुक्त आशिक अली को ढूंढ रही है।
क्या कहना है पुलिस का?
धर्मपाल के पिता रामपति दिवाकर ने कहा कि मंगलवार की रात उनके बेटे ने बकरी को खिलाने के लिए आम की पत्तियाँ तोड़ लीं। अभियुक्त वहाँ पहुँच गए और धर्मपाल को बुरी तरह पीटा।
फ़तेहपुर के पुलिस सुपरिटेंडेंट सतपाल ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा,
“
कहा, "पीड़ित के रिश्तेदारों की शिकायत पर हमने दो लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया है और दो लोगों को गिरफ़्तार किया है। मामले की जाँच की जा रही है।"
सतपाल, पुलिस सुपरिटेंडेंट, फ़तेहपुर
फूल तोड़ने पर सामाजिक बहिष्कार
देश में दलित उत्पीड़न की यह पहली वारदात नहीं है। वहां पहले भी इस तरह की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से इसमें वृद्धि हुई है।
ओडिशा के ढेनकनाल ज़िले में कांटियो केटनी गाँव में एक दलित लड़की ने सवर्ण के बगीचे से फूल तोड़ लिया तो उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया।
फूल तोड़ने की घटना के बाद दो हफ्ते से 40 दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है। इन 40 परिवारों को सार्वजनिक दुकानों, सामाजिक कार्यक्रमों, पीडीएस की सरकारी दुकान, सरकारी विद्यालयों से बहिष्कृत कर दिया गया है। गाँव का कोई सवर्ण इन से बात नहीं करता है।
जिंदा जलाया
उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले में एक दलित को जिंदा जला दिया गया। बुरी तरह जल चुके इस शख़्स को लखनऊ भेजा गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
ग्राम प्रधान छोट्टका ने कहा है कि उनके पति को पहले पाँच-छह लोगों ने जमकर पीटा और उसके बाद जिंदा जला दिया। अमेठी के एसपी दिनेश सिंह ने कहा कि परिजनों ने पाँच लोगों के ख़िलाफ़ तहरीर दी है और हत्या का मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है।
दलित लड़की के साथ दरिंदगी
प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में 8 अक्टूबर को एक नाबालिग दलित लड़की के साथ दरिंदगी की गई। यह घटना चित्रकूट कोतवाली इलाक़े के कैमरहा का पूर्व नाम के गांव में हुई है। नाबालिग के परिजनों ने कहा था कि उनकी बेटी शौच के लिए खेतों में गई थी, जहां से तीन लोगों ने उसे अगवा कर लिया और फिर बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद नाबालिग के हाथ-पाँव बांधकर उसे एक नर्सरी में फेंक दिया गया।
दलित ग्राम प्रधान की हत्या
इसके पहले इसी साल अगस्त महीने में आज़मगढ़ में सत्यमेव जयते नाम के दलित ग्राम प्रधान की हत्या कर दी गई थी। सत्यमेव जयते के भतीजे लिंकन ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा था कि यह हत्या जातीय नफ़रत की वजह से हुई। उन्होंने कहा था कि सवर्ण लोग एक दलित शख़्स के प्रधान बनने और उनके सामने खड़े होने को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे।
सिगरेट से दागा
अगस्त में ही गोरखपुर से दलित उत्पीड़न की एक घटना सामने आई थी, जिसमें एक नाबालिग के साथ दो लोगों ने बलात्कार किया था और हैवानियत की हदें पार करते हुए उसके बदन को सिगरेट से दाग दिया था। इस मामले में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोनों अभियुक्तों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था।
पीट-पीटकर मार डाला
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक दलित शख़्स को घेरकर व पीट-पीटकर सिर्फ़ एक अफ़वाह के कारण मार दिया गया। अफ़वाह यह थी कि उसने अपनी बेटी को बेच दिया है। जबकि उसने बेटी को नोएडा में रहने वाले एक रिश्तेदार के वहां भेज दिया था लेकिन कुछ दबंगों ने इसे बेचने की बात समझकर ग़रीब पिता पर अपनी हैवानियत दिखा दी।
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