अमेठी में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर बड़ी जीत हासिल करने वालीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इंटरनेशनल शूटर वर्तिका सिंह के द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण घिर गई हैं। वर्तिका का आरोप है कि ईरानी और उनके दो क़रीबियों ने उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बनाने के लिए पैसों की मांग की। वर्तिका ने इस मामले में सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए अदालत का रूख़ किया है। इस मामले में 2 जनवरी को सुनवाई होगी।
दूसरी ओर, वर्तिका के ख़िलाफ़ भी इस मामले में दूसरा मुक़दमा दर्ज हो गया है। यह मुक़दमा सोमवार को अमेठी के मुंशीगंज थाने में हाई कोर्ट के अधिवक्ता कालिका प्रसाद मिश्र ने कायम कराया है।
पीटीआई के मुताबिक़, वर्तिका ने कहा था कि मंत्री के क़रीबियों ने शुरुआत में 1 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन बाद वे 25 लाख रुपये की रकम पर आ गए थे। वर्तिका ने कहा था कि मंत्री के दो क़रीबियों- विजय गुप्ता और रजनीश सिंह ने उसे फर्जी मनोनयन पत्र पकड़ा दिया। पत्र में उसके राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य मनोनीत होने की बात कही गयी थी।
विजय गुप्ता ने 23 नवंबर को वर्तिका के ख़िलाफ़ अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाने में मुक़दमा दर्ज करवाया था। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि वर्तिका ने उन पर झूठे आरोप लगाए हैं और ऐसा करके वह उनकी छवि को ख़राब करने की कोशिश कर रही हैं। इस एफ़आईआर के आधार पर पुलिस ने वर्तिका के ख़िलाफ़ पहला मुक़दमा दर्ज किया था।
तब वर्तिका ने आरोप लगाया था कि उसके द्वारा मंत्री के क़रीबियों के भ्रष्टाचार को सबके सामने लाने की चेतावनी देने के बाद यह मुक़दमा दर्ज किया गया था।
लोकप्रियता पाने की कोशिश
कांग्रेस ने मांगा इस्तीफ़ा
कांग्रेस ने इस मामले में स्मृति ईरानी को हटाने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि मामले की न्यायिक जांच की जानी चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को कहा था कि स्मृति जी इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए ख़ुद आगे क्यों नहीं आतीं। सुरजेवाला ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री के ख़िलाफ़ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और इस मामले में सच्चाई का पता लगाया जाना ज़रूरी है।
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