समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने आज झांसी में हुए एनकाउंटर की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। झांसी में हुए एनकाउंटर में आज गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा असद अहमद और शूटर गुलाम मारे गए।
अखिलेश ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर झांसी में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे और उसके सहयोगी की हत्या करने के लिए "फर्जी मुठभेड़" करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनकाउंटर की आड़ में सत्ताधारी दल राज्य में व्याप्त वास्तविक मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को अदालतों पर विश्वास नहीं है और वो कानून को अपने हाथ में ले रही है। उन्होंने कहा-
सही-गलत के फ़ैसलों का अधिकार सत्ता का नहीं होता है। भाजपा भाईचारे के ख़िलाफ़ है।
उन्होंने कहा-फर्जी मुठभेड़ों से भाजपा सरकार असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। भाजपा को अदालतों पर जरा भी विश्वास नहीं है। आज और हाल के मुठभेड़ों की भी गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का बयान भी इस मुद्दे पर आया है। मायावती ने कहा - अतीक अहमद के बेटे व एक अन्य की आज पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्या पर अनेकों प्रकार की चर्चायें गर्म हैं। लोगों को लगता है कि विकास दुबे काण्ड के दोहराए जाने की उनकी आशंका सच साबित हुई है। अतः घटना के पूरे तथ्य व सच्चाई जनता के सामने आ सके इसके लिए उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी।
अखिलेश और मायावती के बयान इस मामले में काफी रणनीतिक हैं। अखिलेश पर यह आरोप लगता रहा है कि बीजेपी शासित यूपी में मुसलमानों पर काफी अत्याचार हो रहे हैं लेकिन अखिलेश यादव कभी कुछ बोलते नहीं। खासकर बुलडोजर से मुस्लिमों के घर गिराए जाने पर भी सपा चुप रही थी। अखिलेश की पार्टी यादव और मुस्लिम वोट बैंक के आधार पर मुख्य रूप से टिकी हुई है। अतीक अहमद का परिवार जिस तरह पहले से ही इस तरह के एनकाउंटर की आशंका जता रहा था तो उससे आज की घटना के संदर्भ में आशंका सच साबित हुई। अखिलेश ने समुदाय विशेष की सहानुभूति के लिए यह बयान दिया है।
दूसरी तरफ मायावती ने भी जांच की मांग की है। मायावती ने इधर मुस्लिम वोट बैंक पर ध्यान देना शुरू किया है और सपा के कई मुस्लिम नेताओं को बसपा में लेकर आई हैं। जो आरोप अखिलेश पर थे, वही आरोप मायावती पर भी हैं कि उन्होंने मुस्लिम मुद्दों से किनारा कर लिया।
बहरहाल, दोनों पूर्व सीएम गुरुवार को झांसी में उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में अहमद के बेटे असद और उमेश पाल हत्या मामले में वांछित एक साथी की मौत पर टिप्पणी कर रहे थे। जबकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी एसटीएफ की इस एनकाउंटर के लिए तारीफ की है।
मुठभेड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मुठभेड़ में शामिल सभी अधिकारियों की तारीफ की। उन्होंने विशेष डीजी के साथ विशेष बैठक की और अधिकारियों की तारीफ की। असद के एनकाउंटर के बारे में गृह सचिव संजय प्रसाद ने सीएम को जानकारी दी थी।
पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे असद और सहयोगी के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केपी मौर्य ने यूपी एसटीएफ को बधाई दी है।
इस बीच यूपी पुलिस के मुताबिक, असद और गुलाम मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश कर रहे थे, तभी उन्हें झांसी में स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने रोक लिया। उन्होंने कर्मियों पर गोलियां चलाईं और जवाबी गोलीबारी में मारे गए। पुलिस ने उनके पास से विदेशी निर्मित अत्याधुनिक हथियार बरामद करने का दावा किया है।
मुठभेड़ आज उस दिन हुई जब अतीक अहमद को उसी हत्या के मामले में प्रयागराज की एक अदालत में पेश किया गया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
2005 के तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षा गार्डों की इस साल 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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