पश्चिम बंगाल के बाद अब त्रिपुरा बीजेपी और टीएमसी के बीच घमासान का गढ़ बनने जा रहा है। राज्य में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी राज्य में अपने पैर जमाना चाहती है जबकि बीजेपी ऐसा नहीं होने देना चाहती।
त्रिपुरा में टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप, दिल्ली में प्रदर्शन
- त्रिपुरा
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- 23 Nov, 2021
ममता बनर्जी की कोशिश बंगाल के बाहर भी टीएमसी की सरकार बनाने की है और इसके लिए उनकी नज़र त्रिपुरा पर है। लेकिन बीजेपी टीएमसी को यहां पैर पसारने नहीं देना चाहती।

बीते कुछ महीनों से त्रिपुरा के अंदर टीएमसी के नेताओं की गिरफ़्तारी से लेकर उन पर हमले तक की ख़बरें सामने आ चुकी हैं। 25 नवंबर को स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं और टीएमसी इस चुनाव में उतरी है, इससे दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच झड़पें बढ़ गई हैं।
सोमवार को टीएमसी के कई सांसदों ने गृह मंत्रालय के बाहर धरना दिया और आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्य त्रिपुरा में टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस जुल्म कर रही है। पार्टी के सांसदों ने इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का वक़्त मांगा था लेकिन उन्हें वक़्त नहीं दिया गया।