loader

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी राजस्थान कांग्रेस में नाराज़गी के सुर

एक लंबे घमासान के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार हो पाया है। लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के कई विधायक नाराज़ हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उन्होंने सभी समुदायों को जगह देने की कोशिश की है लेकिन बावजूद इसके कुछ विधायकों ने खुलकर नाराज़गी का इजहार किया है। 

रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक शफिया ज़ुबैर ने कहा है कि जिन लोगों की छवि ख़राब है, उन्हें प्रमोट किया गया है। उन्होंने एएनआई से कहा कि वर्तमान कैबिनेट से अच्छा संदेश नहीं जा रहा है और इसमें महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण नहीं दिया गया है। 

रविवार को हुए कैबिनेट विस्तार में 15 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी, इसमें 11 कैबिनेट स्तर व 4 राज्य स्तर के मंत्री थे। 

ताज़ा ख़बरें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जोहारी लाल मीणा ने भी मंत्री बनाए गए टीकाराम जुली को भ्रष्ट व्यक्ति बताया है और उन्हें कैबिनेट से हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि जूली का परिवार अवैध तरीके से पैसा जमा करने के काम में शामिल है। हालांकि जूली ने उनके आरोपों को ग़लत बताया है। 

इसी तरह खेरवाड़ा सीट से विधायक दयाराम परमार ने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खुला खत लिख दिया है। परमार ने खत में लिखा है, “मंत्रिमंडल के गठन के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है। कृपया हमें बताने की कृपा करें कि यह विशेष योग्यता क्या है, ताकि उसे हासिल करके भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके।”

हालांकि लंबे वक़्त से अशोक गहलोत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोले बैठे पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कैबिनेट विस्तार के बाद ख़ुशी जाहिर की थी। कांग्रेस आलाकमान को इस बात का डर था कि मंत्रिमंडल विस्तार में देर होने पर पायलट गुट का सब्र जवाब दे सकता है और सचिन पायलट कोई बड़ा क़दम उठा सकते हैं। 

इसलिए कुछ दिन पहले आलाकमान ने गहलोत को दिल्ली बुलाकर उनसे जल्द से जल्द कैबिनेट का विस्तार करने के लिए कहा था। 

राजस्थान से और ख़बरें

मनाने की कोशिश 

इसके अलावा बीएसपी के टिकट पर जीते और बाद में कांग्रेस में शामिल होने वाले पांच विधायकों ने भी मंत्री न बनाए जाने पर नाराज़गी जाहिर की है। अशोक गहलोत ने नाराज़गी दूर करने के लिए छह विधायकों को अपना सलाहकार बनाया है। 

देखना होगा कि राजस्थान कांग्रेस में क्या फिर कोई नया घमासान छिड़ेगा या फिर गहलोत और पायलट अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जिताने के काम में जुटेंगे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें