त्रिपुरा में हुई हिंसा के मामले में सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने वाले कुछ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं पर वहां की राज्य सरकार ने एफ़आईआर दर्ज की थी और यूएपीए लगा दिया था। 70 से ज़्यादा ऐसे लोग थे, जिन पर यह कठोर क़ानून लगाया गया था।
त्रिपुरा हिंसा: यूएपीए लगाने के ख़िलाफ़ याचिका दायर, जल्द होगी सुनवाई
- त्रिपुरा
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- 11 Nov, 2021
त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट्स करने पर एफ़आईआर दर्ज कर यूएपीए लगा दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।

पत्रकार श्याम मीरा सिंह पर भी यूएपीए लगा था। उन्होंने और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों अंसार इंदौरी और मुकेश ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इन दोनों वकीलों ने हिंसा के बाद स्वतंत्र फ़ैक्ट फ़ाइंडिंग टीम के सदस्य के तौर पर त्रिपुरा का दौरा भी किया था। इन लोगों ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के जरिये याचिका दायर की है।
याचिका में इस मामले में सुनवाई करने और यूएपीए के तहत दर्ज की गई एफ़आईआर को रद्द करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है।
इससे पहले त्रिपुरा हाई कोर्ट ने हिंसा के मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। फ़ैक्ट फ़ाइडिंग टीम के सदस्य के तौर पर गए वकीलों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।