ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों से साफ है कि बीजेपी ने तेलंगाना में भी अपनी राजनीतिक ज़मीन मज़बूत करनी शुरू कर दी है। जानकार बताते हैं कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम यानी मजलिस की मज़हबी राजनीति बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। ओवैसी बंधुओं के भड़काऊ भाषणों और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के कथित मुसलिम तुष्टिकरण को राजनीतिक मुद्दा बनाकर बीजेपी हिन्दू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने में जुटी है।
हैदराबाद का संदेश- तेलंगाना में बीजेपी ही टीआरएस का विकल्प
- तेलंगाना
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- 5 Dec, 2020

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में टीआरएस को सीटों के मामले में नुकसान हुआ है। बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।
भले ही बीजेपी ग्रेटर हैदराबाद के मेयर की कुर्सी से काफी दूर रह गयी, लेकिन उसने यह साबित किया कि तेलंगाना में वही टीआरएस को टक्कर दे सकती है। कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी का अब तेलंगाना में कोई वजूद नहीं है और बीजेपी ही टीआरएस का एक मात्र विकल्प है।