वृहत हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों का क्या संदेश है? क्या सेक्युलर दलों से उठ रहा मुसलमानों का भरोसा, किस बात का इशारा है ओवैसी की बढ़ती स्वीकार्यता?
हैदराबाद निगम चुनाव में बीजेपी कैसे बन गई दूसरी बड़ी पार्टी? TRS की सीटों में सबसे अधिक कमी क्यों आई? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की खास बातचीत टीआरएस की वरिष्ठ नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी कविता राव के साथ।
हैदराबाद में नगर-निगम के चुनाव और उसके परिणाम स्थानीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय चुनाव साबित हो सकता है। जिन्ना ने तो सिर्फ़ एक पाकिस्तान खड़ा किया था लेकिन अब भारत में दर्जनों पाकिस्तान उठ खड़े हो सकते हैं।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बीजेपी की हिंदुत्ववादी ध्रुवीकरण की राजनीति उसे किस पैमाने पर कामयाबी दिला सकती है।
हैदराबाद निगम के चुनाव में कौन जीता और कौन हारा ? क्या बीजेपी अपने मक़सद में कामयाब हुयी ? आशुतोष के साथ चर्चा में संजय कुमार, विनोद अग्निहोत्री, सतीश के सिंह, तस्लीम रहमानी और आलोक जोशी
हैदराबाद क्यों नहीं जीत पाई बीजेपी? चुनाव में पूरी ताकत झोंकने से BJP को क्या मिला? किसानों को अब सुप्रीम कोर्ट हटाएगा? ‘लव जिहाद’ के नाम पर यूपी में ये क्या चल रहा है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ। Satya Hindi
तेलंगाना में 13 फ़ीसदी मुसलिम मतदाता हैं। ग्रेटर हैदराबाद के आसपास की 10 सीटों पर मुसलिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है और 30 अन्य सीटों पर भी उनकी उपस्थिति है।
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव 1 दिसंबर को हो रहे हैं और मेरी भविष्यवाणी यह है कि वर्तमान में केवल 150 में से 4 सीटें रखने वाली बीजेपी इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। हालाँकि यह केवल एक नगरपालिका चुनाव है।
बीजेपी ने हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने अपने सबसे भरोसेमंद नेता भूपेंद्र यादव को यह चुनाव जितवाने की ज़िम्मेदारी सौंपी है।
हिंदुस्तान के ख़िलाफ़ नापाक हरक़तें करने में जुटा पाकिस्तान तो सर्जिकल स्ट्राइक के ही लायक है। लेकिन ये बीजेपी के नेता हिंदुस्तान के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक क्यों कराना चाहते हैं।