सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है कि तलाक पाने वाली मुस्लिम महिला अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। क्योंकि तलाक होने के बाद महिला का अपने पति से कोई संबंध नहीं रह जाता है। अगर वो गुजारा भत्ता लेती है तो संबंध बना रहेगा। यह शरिया कानून के खिलाफ है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अदालत के इस फैसले से सहमत नहीं है। उसने इस फैसले को चुनौती देने के उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है, साथ ही वो सरकार और विपक्षी दलों से भी बात करेगा। जानिए रविवार की बैठक में क्या हुआः