ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को एक प्रस्ताव पास करके कहा कि मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं के भरण-पोषण पर सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला "इस्लामिक कानून (शरीयत) के खिलाफ" है। बोर्ड ने अपने अध्यक्ष से कहा कि वो सभी संभव उपाय करने के लिए अधिकृत हैं। जिसमें अदालत का फैसला वापस लेने का निर्णय भी शामिल है। बोर्ड के अध्यक्ष इस फैसले के संबंध में सरकार और विपक्षी दलों के नेताओं से बात करेंगे ताकि फैसला पलटने में मदद ली जा सके।
मुस्लिम बोर्ड गुजारा भत्ते के सुप्रीम फैसले पर सरकार और विपक्ष से बात करेगा
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- 29 Mar, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है कि तलाक पाने वाली मुस्लिम महिला अपने पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। क्योंकि तलाक होने के बाद महिला का अपने पति से कोई संबंध नहीं रह जाता है। अगर वो गुजारा भत्ता लेती है तो संबंध बना रहेगा। यह शरिया कानून के खिलाफ है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अदालत के इस फैसले से सहमत नहीं है। उसने इस फैसले को चुनौती देने के उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है, साथ ही वो सरकार और विपक्षी दलों से भी बात करेगा। जानिए रविवार की बैठक में क्या हुआः
