दुनिया के 22 मुसलिम देशों की तरह भारत में भी ट्रिपल तलाक़ को ख़त्म करने की जो लड़ाई शाहबानो ने 40 साल पहले शुरू की थी, वह लड़ाई लंबे संघर्ष के बाद शायरा बानो ने जीत ली है। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद ट्रिपल तलाक़ के ख़िलाफ़ उठी आवाज़ें बारास्ते सुप्रीम कोर्ट सरकार के कानों तक पहुँचीं। आख़िरकार सरकार इसके ख़िलाफ़ संसद के दोनों सदनों में विधेयक पारित कराने में सफल रही। अब राष्ट्रपति के दस्तख़त के बाद क़ानून वजूद में आ जाएगा।