लोकसभा में मुसलिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2019 तीसरी बार पारित हो गया है। आसान भाषा में इसी को ट्रिपल तलाक़ रोकथाम विधेयक कहते हैं। इस विधेयक को लोकसभा में तीसरी बार पास कराने में भी सरकार को विपक्ष के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। विधेयक के पक्ष में सिर्फ़ उतने ही वोट पड़े जितने कि बीजेपी के सांसद हैं। इसका मतलब साफ़ है कि बीजेपी के सहयोगी दल भी इस विधेयक पर उसके साथ नहीं हैं।
ट्रिपल तलाक़: क़ानून से ज़्यादा ज़रूरी है मुसलमानों की सोच बदलना
- विचार
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- 26 Jul, 2019

हज़ार साल या उससे भी ज़्यादा समय से चली आ रही किसी सामाजिक बुराई को एक क़ानून बनाकर दो-चार साल में ख़त्म करने के सपने देखना कोई बहुत बड़ी अक़्लमंदी का काम तो नहीं है।