तील तलाक़ पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान 10 विपक्षी दलों के 30 सांसद मौजूद क्यों नहीं थे? फिर ये पार्टियाँ तीन तलाक़ का विरोध क्यों करती रहीं? क्या यह मुसलमानों के साथ विश्वासघात नहीं है? देखिए 'आशुतोष की बात' में इन नेताओं ने ऐसा क्यों किया।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।