भारत की संवैधानिक संस्थाओं की तरह संसदीय समितियों को भाजपा ने बौना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। संसद की लोक लेखा समिति के सामने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच का पेश न होना और उन्हें बुलाने पर भाजपा की आपत्ति यही बताती है। देश में एक पूरा नेक्सस सामने आ चुका है। अडानी समूह के खिलाफ आरोप लगे। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच के लिए कहा। सेबी प्रमुख अडानी समूह की कंपनियों में शेयर खरीदती और अन्य अनियमितताओं का सामना करती पाई गईं। पत्रकार कुणाल पाठक लोक लेखा समिति का महत्व इसी घटना के संदर्भ में बता रहे हैं, जानिएः