सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच 24 अक्टूबर को लोक लेखा समिति (PAC) के समन के बावजूद समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुई। भारत के संसदीय इतिहास में यह एक शर्मनाक घटना के रूप में याद किया जाने वाला है। संभवतया यह पहली बार हुआ है कि एक अधिकारी संसदीय समिति के बुलाने पर उपस्थित न हुआ हो। इसे भारतीय संसदीय प्रणाली के अपमान के रूप में समझा जाना चाहिए। सबसे पहले यह जानना ज़रूरी है कि PAC संसदीय प्रणाली और जवाबदेही के लिए कितनी अहम संस्था है।