श्रीलंका और हाल के दिनों में बांग्लादेश की विदेश नीति के बारे में कहा जाता रहा है कि वे भारत से दूर जाते दिखते हैं, तो वहाँ के लोगों की भारत के बारे में क्या राय है?
देश में भ्रूण हत्या के जो मामले आते हैं वे धार्मिक समुदायों के आधार पर क्या भिन्न होते हैं? जानिए किन समुदायों में जन्म पर लड़कियों के 'ग़ायब' होने की स्थिति क्या है।
क्या भारत में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव होता है? उत्तर हम सब जानते हैं। लेकिन अगर प्यू रिपोर्ट पर यक़ीन करें तो अधिकतर भारतीयों ने अपने जीवन में किसी प्रकार के जातिगत और धर्म-आधारित भेदभाव का सामना नहीं किया है। ऐसा क्यों है?
भारत में धार्मिक आज़ादी, सहिष्णुता और एक दूसरे धर्मों के प्रति लोगों के रवैये के रोचक तथ्य सामने आए हैं। प्यू से सर्वे के उनुसार लोगों के रवैये में ग़ज़ब का विरोधाभास है।
पिछले साल आई कोरोना महामारी ने लोगों की जानें ही नहीं लीं, ग़रीबों को और ग़रीब ही नहीं किया, बल्कि बड़े स्तर पर मध्य वर्ग को भी प्रभावित किया है। प्यू रिसर्च के अनुसार महामारी ने भारत में 3 करोड़ 20 लाख लोगों को मध्य वर्ग से दूर कर दिया।