देश में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव होता है या नहीं? इस सवाल का जवाब बेहद आसान है। हो भी क्यों न! चाहे हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या का मामला हो या आईआईटी बॉम्बे के दलित छात्र दर्शन सोलंकी की आत्महत्या का। चाहे देश भर में दलितों पर उत्पीड़न के मामले हों या मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण व लिंचिंग के मामले, देश भर में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव की ख़बरें आती रही हैं। तो सवाल है कि कितने लोग यह मानते हैं कि ऐसे भेदभाव होते हैं? इस सवाल का जवाब प्यू रिसर्च सेंटर के एक सर्वे में आया है।