तेल कंपनियां अगले महीने पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर सकती हैं। इसकी वजह है उन्हें पिछले कई महीने से लाभ हो रहा है तो इसका फायदा वो उपभोक्ताओं को भी देना चाहती हैं। देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में तेल की कीमतों के कम होने के प्रस्ताव को उससे जोड़ कर भी देखा जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम लंबे समय से कम हैं तो क्या जल्द ही तेल कंपनियाँ डीजल-पेट्रोल के दाम घटाएँगी? जानिए पट्रोलियम मंत्री ने कंपनियों से क्या कहा।
केंद्र सरकार ने शनिवार को पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी कर दी, ताकि पेट्रोल डीजल के दाम घटाए जा सकें। लेकिन कांग्रेस और बाकी विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला कि सरकार आंकड़ों की बाजीगरी करके जनता को बेवकूफ नहीं बनाए। इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को विपक्ष को आंकड़ों के साथ कड़ा जवाब दिया।
पेट्रोल-डीजल पर सेंट्रल एक्साइज कम करने के बाद क्या अब फिर से इनके दाम बढ़ने शुरू हो जाएँगे? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने क्यों कहा कि जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है?
केंद्र सरकार ने शनिवार शाम को पेट्रोल, डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की थी। केंद्र की घोषणा के बाद कई राज्यों ने इस पर लगने वाले वैट को घटाना शुरू कर दिया है। लेकिन इस सिलसिले में देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बहुत माकूल सवाल उठाया है।
केंद्र सरकार ने शनिवार शाम को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल सस्ता हो सकता है। बढ़ती महंगाई की वजह से सरकार जनता की आलोचना का सामना कर रही है।
क्या प्रधानमंत्री ने तेल की बढ़ती क़ीमतों के लिए विपक्ष शासित राज्यों को दोषी बताकर देश को गुमराह किया है? वे क्यों कह रहे हैं कि विपक्ष शासित राज्य टैक्स कम करके जनता को राहत दें? क्या इन राज्यों के टैक्सों की वजह से तेल महँगा हुआ है?
दुनिया भर के देशों में एलपीजी गैस, पेट्रोल-डीजल जैसे सामानों की क़ीमतों की तुलना करनी हो तो इसको सबसे सटीक तरीक़े से कैसे किया जा सकता है? जानिए, इस पैमाने पर भारत में एलपीजी गैस दूसरे देशों की अपेक्षा कितनी मंहगी है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पिछले चार महीने में कच्चे तेल की क़ीमतें जितनी बढ़ी हैं उस लिहाज से डीजल-पेट्रोल के दाम 9-14 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाने चाहिए थे। तो चुनाव ख़त्म होने के बाद क्या सरकार इसकी भरपाई करने के लिए दाम बढ़ाएगी?
यूक्रेन संकट के साथ ही क्रूड ऑयल 7 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है तो भारत में डीजल-पेट्रोल कितना महंगा होगा? जानिए, कब से देश में बढ़ सकते हैं दाम।
डीजल-पेट्रोल के दाम कम करने की मांग होने पर सरकार क्यों दलील देती है कि क़ीमतें तेल कंपनियाँ तय करती हैं और यह अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में हर रोज़ के कच्चे तेल के दाम पर निर्भर करता है?
कज़ाख़स्तान में रसोई गैस की क़ीमत में बढ़ोतरी से हिंसा क्यों हो गई? ख़बर है कि अब तक कम से कम 44 लोग मारे जा चुके हैं। आख़िर महंगाई वहाँ इतना बड़ा मुद्दा कैसे बन गयी?